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How to upgrade a computer ?

 

कंप्यूटर को अपग्रेड करना |

अब आप अपने कंप्यूटर को अपग्रेड करने के लिए तैयार हैं | आपको अक साफ, हवादार और प्रकाश से भरपूर जगह चाहिए | जब आपका अप्ग्रेशन पुरा हो जाए तो सिस्टम को रिप्लेस करें और केबल के सभी प्लग इसके पीछे कर दें | अब अपनी शुरुआत कंप्यूटर केस से करें |



कंप्यूटर केस |

हम पहले ही समझ चुके हैं की कंप्यूटर केस एक ऐसा बॉक्स है जिसमे कंप्यूटर को बनाने वाले बहुत से कम्पोनेंट्स स्टोर हैं | यह पावर सप्लाई के साथ आता है जिससे कंप्यूटर सिस्टम में विधुत की सप्लाई होती है | कंप्यूटर केस धातु या प्लास्टिक का बना रहता |



  कंप्यूटर को अपग्रेड या रिपेयर करते समय आपको कंप्यूटर केस के कवर हटाने की जरूरत पड़ेगी |



          कंप्यूटर केस दो प्रकार के हैं

1.    डेस्कटाप केस

2.    टॉवर केस

1.    डेस्कटॉप केस  |

      डेस्कटॉप केस को मॉनिटर के निचे रखा जाता है |



2.    टॉवर केस |

        टॉवर केस को फर्श पर रखा जाता है | यह ज्यादा डेस्क स्पेस प्रदान करता है, लेकिन आइटम हटाने या जोड़ने जैसे- फ्लॉपी डिस्क और सीडी-रोम डिस्क के लिए यह अधिक उपयोग नहीं है | टॉवर केस कई साइजों में आता है |



फार्म फैक्टर |

 फार्म फैक्टर स्पेसिफिकेशन का एक सेट है जो कंप्यूटर केस के इंटरनल साइज और शेप को निर्धारित करता है | दो सबसे ज्यादा पॉपुलर कंप्यूटर केस फार्म फैक्टर हैं ए टी | और ए टी  | कंप्यूटर केस फार्म फैक्टर के समान इस्तेमाल होता हैं जैसे- पावर स्फ्लाई और सिस्टम बोर्ड |



कंप्यूटर केस के कवर को हटाना |

 कंप्यूटर केस को हटाने से पहले कंप्यूटर टर्न ऑफ करें और पावर केबल अनप्लग (प्लग से

1.    कंप्यूटर केस का कवर पीछे केवल चार स्क्रू द्वारा होल्ड होता है | कंप्यूटर केस कवर को खोलने के लिए स्क्रूड्राइवर से स्क्रूज हटाए |



2.    कंप्यूटर केस कवर को पीछे की तरफ हटाएं और तब इसे सीधा ऊपर उठाए|



मदरबोर्ड |

जैसा कि आप जानते हैं कि मदरबोर्ड आपके कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है | किसी भी पौइंट पर सिस्टम यूनिट में  कम्पोनेंट्स मदरबोर्ड से जुड़े होते हैं | इसलिए पहले सिस्टम बोर्ड के मुख्य कम्पोनेंट्स के बारे में सीखें |



पोर्ट |

 एक पोर्ट सिस्टम बोर्ड को एक एक्सटर्नल डिवाइस से कम्युनिकेट करने की अनुमति प्रदान करता है जैसे- एक प्रिंटर |



मैमरी स्लॉट |

 मैमरी स्लॉट सिस्टम बोर्ड का एक सॉकेट है | एक मैमरी मॉडल जिसमे स्टोर डाटा के मैमरी चिप होते हैं, मैमरी स्लॉट होते हैं |



चिपसेट |

 चिपसेट चिप की एक सीरीज है जो सिस्टम बोर्ड के द्वारा डाटा के मूवमेंट को कंट्रोल करती है |



कैश |

 कैश मैमरी हल ही में इस्तेमाल डाटा को स्टोर करती है |



प्रोसेसर सॉकेट |

प्रोसेसर सॉकेट सीपीयू को होल्ड करता है जो कंप्यूटर में एक मुख्य चिप है |



एक्सपैंशन स्लॉट |

 एक्सपेंशन स्लॉट सिस्टम बोर्ड का एक सौकेट है | एक एक्सपेंशन कार्ड जिसमें आप कंप्यूटर के फीचर जोड़ सकते हैं, को एक्सपैंशन स्लॉट में लगाया जाता है |



बियोस |

 बेसिक इनपुट आउटपुट (बायोस ) चिप सिस्टम बोर्ड से जुडी डिवाइस और डाटा के बीच के ट्रांसफर को कंट्रोल करता है |



सिमोस |

 कंप्लीमेंटरी मैटल ऑक्साइड सेमीकंडकटर चिप टाइप और कंप्यूटर की बायोस सेटिंग को सेव करता है | जब कंप्यूटर टर्न ऑफ़ होता है तब एक बैटरी सिमोस चिप को पावर प्रदान करती है |



अपने मदरबोर्ड को अपग्रेड करने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें :

1.    तय कर लें कि आपका कंप्यूटर नये मदरबोर्ड के फार्म फैक्टर को स्वीक्रत करेगा |

2.    तय करें कि आपका एडेप्टर कार्ड (साउंड, वीडियो, नेटवर्क, एस सी एस आई कंट्रोलर्स और ऐसे ही ) नये मदरबोर्ड स्लॉट से आराम से जड़ा जाएंगे |

3.    तय करें कि आपके सिस्टम की वर्तमान रैम नए मदरबोर्ड में ट्रांसफर हो जाएगी | यह आपके करंट सिस्टम के मैमरी मॉडल के टाइप पर निर्भर होगा और नये मदरबोर्ड पर मेमरी स्लॉट के टाइप पर निर्भर होगा |

4.    ध्यान दें, आपका करेंट केस न केवल नए मदर बोर्ड के फार्म फैक्टर को होल्ड कर सकता है बल्कि उससे एडिशनल ड्राइव्स कार्ड्स भी लगाए जा सकते हैं और जिससे नया बोर्ड इंस्टाल करने में मदद मिल सकती है |

फार्म फैक्टर |

  फार्म फैक्टर स्पेसीफिकेशन का एक सैट है जो एक सिस्टम बोर्ड के जनरल साईज और शेप को सिमित करता है | फार्म फैक्टर के दो मुख्य टाइप हैं- बेबी एटी और एटी एक्स | सिस्टम बोर्ड फार्म फैक्टर के समान इस्तेमाल हो सकता है | जैसे कंप्यूटर केस और पावर सप्लाई |



प्रोसेसर सॉकेट |

मदरबोर्ड पर प्रोसेसर के टाइप सीपीयू के टाइप निर्धारित करते हैं | इन्हें आप कंप्यूटर में इस्तेमाल कर सकते हैं | एक स्क्वायर और दो इंच सॉकेट आदि को खा जाता है जो पेंटियम सीपीयू पर होते हैं | पेंटियम ||| सीपीयू एक एक्सपैंशन स्लॉट पर समान सॉकेट होता है जिसे स्लॉट 1 कहते हैं |



चिपसेट |

 चिपसेट आपके मदरबोर्ड का हब है | इसको खरीदने से पहले आपको ध्यान देना चाहिए कि क्या चिपसेट में एक मदरबोर्ड है | चिपसेट मदरबोर्ड से अधिक हार्डवेयर के लिए उत्तरदायी है जो आपको अब भविष्य में सपोर्ट करेगा | जैसे मदरबोर्ड पीसी को डिफाइन करता है, चिपसेट मदरबोर्ड डिफाइन करता है | प्रत्येक सिस्टम बोर्ड में चिप की एक सीरीज होती है जो सिस्टम बोर्ड द्वारा हटाए गए डाटा के निर्देशों को कंट्रोल करता है | जब आप अक सिस्टम बोर्ड खरीद रहे हों तब तय कर  लें कि सिस्टम बोर्ड द्वारा  चिपसेट आपके सीपीयू के योग्य है, अन्यथा कंप्यूटर सही से काम नहीं करेंगा |



बायोस (बी आई ओं एस ) |

 बायोस या इनपुट आउटपुट सिस्टम एक रियल मोड प्रोग्राम है | यह मदरबोर्ड में एक चिप पर स्टोर रहता है | रोम (रीड-ओनली-मेमोरी) चिप में स्टोर रहने केकारन है, इसे रोम बायोस खा जाता है | रोम बायोस अपग्रेड करने का केवल अक तरीका है इसमें चिप को हटाकर नई चिप इंस्टॉल कर देते हैं | आजकल बायोस, प्रोग्रामिंग बायोस (पिरोम) में मिलते हैं जो कि बायोस कार्ड को बिना फिजीकली से हटाएं अपग्रेड में सहायक होते हैं |

       बायोस चिप का मुख्य काम सिस्टम बोर्ड से अटैच डाटा और डिवाइस के बीच ट्रांसफर को कंट्रोल करना है | अगर जब आप अपना कंप्यूटर टार्न ऑन कर रहे हैं तो बायोस चिप अपने आप ही प्रत्येक डिवाइस में एक्जामिंस हो जाती है और सिस्टम बोर्ड सैटिंग को एडजस्ट करती है |  इससे यह तय हो जाता है कि डिवाइस सही से काम कर रहा है | यह कंप्यूटर को ऑटोमेटिकली सेट होने में मदद करता है | हर बार एक नया डिवाइस जोड़ता है या एक एक्सिसटिंग डिवाइस हटता है |



बायोस अपग्रेड करना |

  निर्माणकर्ता चिप की परफौर्मेस बढ़ाने के लिए या उसकी समस्याएं खत्म करने के लिए लगातार बायोस चिप को अपग्रेड करते रहते हैं | आप भी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का इस्तेमाल कर पुरानी बायोस चिप को नए वर्जन में इस्तेमाल कर सकते हैं |



बसिस |

 बस एक इंटरनल इलेक्ट्रानिक मार्ग (पाथवे) है | यह कंप्यूटर के एक पार्ट से दुसरे तक सिगनल ले जाता है | यह मेमरी के लिए इनपुट डिवाइस (कीबोर्ड) से बिट्स ट्रांसफर करता है- मैमरी से प्रोसेसर, से मैमरी के आउटपुट (मॉनिटर या प्रिंटर), या स्टोरेज डिवाइस (हार्ड ड्राइव) तक बसिस दो पार्ट के साथ होता है | एक एड्रेस बस और डाटा | डाटा बस एक्चुअल डाटा ट्रांसफर करता है और एड्रेस बस प्लेस, डैस्टिनेशन जहां डाटा मैमरी में जाना चाहिए के बारे में सूचनाएं ट्रांसफर करता है | बस एक रोड के समान है जिसमे सिगनल भेजे जाते हैं | एक कंप्यूटर इसके मेन सर्किट बोर्ड में सामान्य रूप से तीन इंटरनल बसिस डाउन लोड करता है | ये है, डाटा बस, एड्रेस बस और कंट्रोल बस |



मदरबोर्ड इंस्टॉल करना |

 पहली बार मदरबोर्ड को इंस्टॉल करना कुछ लोगों के लिए कष्टदायक होता है, लेकिन यह आसन तब हो जाता है जब आप इसे कई बार करते हैं | शुरू करने से पहले आप एक अच्छी रौशनी वाली जगह तैयार कर लें अर्थात ऐसा आदर्श रूप जो सब जगह एक्सेस किया जा सके | सारे टूल्स और पार्ट्स इकट्टे करें और तैयार हो जाएं | हर नए कम्पोनेंट्स का बॉक्स खोलें, मैनुअल या पैकिंग लिस्ट को जाँच लें और निष्चित हों की कोई पार्ट मिस नहीं है | जाच लें कि कम्पोनेंट्स खराब नहीं हैं |



सबसे पहले पुराना मदरबोर्ड हटाना |

अगर आप मदरबोर्ड बदल रहे हैं, आपको नया मदरबोर्ड इंस्टॉल करने से पहले पुराना हटाना होगा ऐसा करने के किए निम्न कदम उठाएं |

1.    पी सी और सभी जुड़े हुए डिवाइस का पावर स्विच ऑफ करें |सभी बाहरी केबल डिसकनेक्ट करने पर कंप्यूटर को अपने वर्क एरिया में मूव करें और केस के कवर हटाएं | स्क्रू को एक साइड में पुरानी एग कार्टन या आइस क्यूब पार्ट्स में अच्छी तरह से रखें |



2.    एक्सपैंशन कार्ड से जुडी प्रत्येक इंटरनल केबल की स्थित को ध्यान में रखें | एक्सपैंशन कार्ड को हटाएं और एक एंटी-स्टैटिक सतह पर उन्हें एक साइड में रखें |



3.    प्रत्येक केबल पर लेबल लगा लें और उन्हें डिसकनेक्ट करें जो सिस्टम बोर्ड से जोड़े हैं, जिनमे पावर सप्लाई, फ्रंट स्विचेस, लीड्स और पंखे शामिल हैं | इस सिस्टम बोर्ड में माउन्टिंग स्क्रू के अलावा कोई भी कनेक्शन नहीं रह जाना चाहिए |


4.    बहुत से मदरबोर्ड चैसिस के पार्ट में जुड़कर फिक्स हो जाते हैं | कुछ जगहों में मदरबोर्ड रिमुवेबल मॉंट्स ट्रे में जुड़ जाते हैं | अगर मदरबोर्ड ट्रे का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो ट्रे के स्क्रू हटा दें ताकि चैसिस ट्रे सिक्योर हो जाए और तब ट्रे को सावधानी से बाहर निकालें | अगर मदरबोर्ड केबल स्क्रू द्वारा सुरक्षित है तो उन सभी को हटा दे और तब मदरबोर्ड को सीधा ऊपर उठाकर हटाएं |



5.    अगर एक या ज्यादा प्लास्टिक स्पेसर्स मौजूद हैं सिस्टम बोर्ड को थोडा किनारे से उठाएं ताकि जो छोटे प्लास्टिक स्पेसर्स हैं, वे हट जाएं | यह स्टैंड ऑफ सिस्टम बोर्ड को कंप्यूटर केस से टच होने से रोकता है | कंप्यूटर केस से सिस्टम बोर्ड को बाहर निकाल लें



6.    एक एंटी-स्टैटिक जगह पर पुराने मदरबोर्ड को सीधा रखे |अगर आप सी पी यू मौमरी को हटाना चाहते हैं तो उन कम्पोनेंट्स को हटा दें | किसी भी केस में, पुराने मदरबोर्ड को उस एंटी-स्टैटिक बैग में रखें जिसमें नया मदरबोर्ड आया था |



 

नए मदरबोर्ड को इंस्टोल करना |

1.    एंटी स्टेपिक स्टेप पहन कर निचे बैटें | बॉक्स खोलें |मदरबोर्ड को बॉक्स के ऊपर रखें |



2.    मेनुआल में निर्देशों के अनुसार मदरबोर्ड कनफिगर करें |

3.    नया मदरबोर्ड प्लास्टिक बैग में आता है जिसमें हर प्रकार के स्टैण्ड ऑफ स्पेसर्स होते हैं | इस केस में स्टैंड ऑफ स्पेसर्स इंस्टोल करें जिसमें आपका मदरबोर्ड फिट होगा | सभी जरुरी स्टैण्ड ऑफ स्पेसर्स इंस्टॉल करने के बाद मदरबोर्ड को सही जगह पर रखें |



4.    मदरबोर्ड के साथ आए स्क्रू इसमें फिट करें |



5.    पावर सप्लाई केबल ए टी ए केबल, क्लापी ड्राइव केबल को जोड़ दें और जो केबल मदरबोर्ड को फ्रंट पैनल स्विचिस और लीड्स से जोड़ती है और जो केबल मदरबोर्ड को I/O पोर्ट बैक पैनल कनेक्टर से जोड़ती है, सबको कनेक्ट कर दें |



6.    सब कुछ अपनी जगह पर सही तरह से जुड़ जाना चाहिए | कोई भी जरुरी टूल बाहर नहीं छोड़ा जाना चाहिए |

सी पी यू  (सैंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) |

 सी पी यू को आपके कंप्यूटर के मस्तिष्क के नाम से जाना जाता है | ज्यादातर डिवाइस कार्य पूरा करने में सी पी यू के साथ कंप्यूटर से कनेक्ट होते हैं |



सी पी यू के कम्पोनेंट्स |

सी पी यू कंट्रोल यूनिट और आर्थामैटिक लॉजिक यूनिट (ए एल यू) रखता है | ये दोनों कम्पोनेंट्स प्रोसेसिंग परफार्म के लिए साथ काम करते हैं |



कंट्रोल यूनिट |

कंट्रोल यूनिट सी पी यू का एक पार्ट है जो कि कंप्यूटर में दिए जाने वाले अधिकारों और निर्देशों को निर्देशित करती है और उचित तालमेल बनती है | यह प्रोग्राम द्वारा दिए गए हर एक निर्देश को इंटरप्रेट करती है और उसी के मुताबिक एक्शन लेती है |



कंट्रोल यूनिट प्रत्येक आदेश के लिए मुख्य रूप से चार मुलकार्य करता है |ये हैं-

1.              फेचिंग

2.              डिकोडिंग

3.              अक्जिक्युटिंग और आवश्यक हो तो

4.              स्टोरिंग (संग्रहण)

अर्थमैटिक लॉजिक यूनिट |

 अर्थमैटिक लॉजिक यूनिट (एएलयू) सीपीयू का एक घटक है जो अंकगणितीय तुलना और तार्किक क्रियाओं को पूर्ण करता है |

अंकगणितीय क्रियाओं में जोड़ना, घटाना, गुना, और भाग करना शामिल होते है \ तुलनात्मक क्रियाओं में एक डाटा आइटम की दुसरे आइटम से बड़ा, बकरार है या छोटे है \ तुलना के परिणाम पर आधारित विभिन्न क्रियाएं हो सकती हैं | तार्किक क्रियाओं में तार्किक ऑपरेटरों जैसे कि AND; OR NOT के साथ शर्त अनुबन्ध का प्रयोग किया जाता है |

पाईपलाइनिंग |

 कुछ कंप्यूटरस में सी सीपीयू एक समय में केवल एक ही निर्देश को पूर्ण करता है | सीपीयू अगले निर्देश पर कार्य करने से पहले तब तक इंतजार करता है जब तक पहले निर्देश के मशीन चक्र की चरों अवस्थाएं पूर्ण नहीं हो जातीं | सीपीयू पाईपलाइन के अंतर्गत पहले निर्देश के पूर्ण होने से पहले दुसरे निर्देश को क्रियान्वित कर देता है | पाईपलाईनिंग के परिणाम तीव्र गति से आते हैं | क्योकि सीपीयू को दुसरे को से पहले, पहले फेच निर्देश के मशीन चक्र को पूर्ण होने का इन्तजार नहीं करना पड़ता है | यधपि पहले पाईपलाइनिंग का प्रयोग केवल उच्च कार्यक्षमता वाले प्रोसेसरों में किया जाता था, लेकिन अब इसका प्रयोग सामान्यत: आज के पर्सनल कंप्यूटर के प्रोसेसरों में किया जाता है |
 

सीपीयू की गति |

 सीपीयू चिप की गति गिगाहर्ट्स या बिलियन चक्र प्रति सेकण्ड में मापी जाती है | सीपीयू चिप की गति जितनी तेज होगी उतना ही कंप्यूटर तेज गति से काम कर सकता है | इंटैल पेंटियम च्पों में सामान्यत: 500 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1.0 गीगाहर्ट्ज, 2.0 गीगाहर्ट्ज और अधिक गतियां शामिल होती हैं |



सी पी यू के निर्माणकर्ता (मैन्युफैक्चरर्स) |

 मार्केट शेयर के जोकिंग के सैलून बाद, दो मेजर चिप इंटेल और ए एम डी मेन्य्फैक्चर हुई हैं | इंटेल बाजार में लीडिंग मेंयुफैक्चर है | आज मार्केट में 4 प्रोसेसर समूह हैं | सेलेरौन और पेंटियम प्रोसेसर्स इंटेल और एथलॉन और ए एम डी के ड्यूरान मॉडल होते हैं |



इंटेल पेंटियम प्रोसेसर |

 इंटेल पेंटियम का बना है जो, सी पी यू का एक पॉपुलर टाइप है | पेंटियम, पेंटियम दो, पेंटियम तीन, पेंटियम चार और पेंटियम डी के अनुसार यहां इंटेल पेंटियम सी पि यू के बहुत से जनरेशनस हैं | इंटेल ने पहला पेंटियम डी प्रोडक्ट 26 मई,2005 को 2.8, 3.0 और 3.2 जिएचपी क्लॉक स्पीड से रिलीज किया | डेस्कटॉप कंप्यूटर के लिए इंटेल का सबसे तेज प्रोसेसर इंटेल कोर2 ड्युओं हैं |




इंटेल सेलेरौन प्रोसेसर |

 इंटेल सेलेरौन महंगा सीपीयू होता है, यह विशेष रूप से घरेलू कंप्यूटर इस्तेमाल करने वालों के लिए तैयार किया गया है | ये प्रोसेसर ज्यादातर एप्लीकेशन के लिए समर्थ हैं लेकिन इनकी परफार्मेस सिमित है | जब ये कोई अच्छी एप्लीकेशन की तरह बदलती है, जैसे-तेज गेम या ग्राफिकल मॉडलिंग प्रोग्राम |



एएमडी एथलन प्रोसेसर |

एएमडी एथलन सीपीयू युएएम डी द्वारा बना हाई परफॉर्मेस प्रोसेसर  है | यह उन सी पी यू बिजनेस और होम कंप्यूटर इस्तेमाल कर्ताओं के लिए अच्छा है जो पावर फुल प्रोसेसर चाहते हैं |



एएमडी ड्यूरौन प्रोसेसर |

 ड्यूरौन एएमडी उत्पाद उच्च क्षमता वाला मार्केट में उतारा गया चिप है | एएमडी और इंटेल लगातार चिप बाजार में एक दुसरे को पटखनी देने की कोशिश में हैं | पैसों के मामले में एएमडी के ड्यूरौन ने एक बार बाजार में कब्जा कर लिया है | एएमडी ड्यूरौन सी पी यू तुलनात्मक रूप से कम कीमत पर तेज गति की सुविधा देता है |



सी पी यू चुनना |

 किसी सिस्टम में उसके प्रोसेसर को बदलने से पहले आपको यह तय करना होगा कि जो नया प्रोसेसर आप लगा रहें हैं वो किस क्षमता का है क्योंकि प्रोसेसर की स्पीड से ही सिस्टम की स्पीड तय होती है | अगर आप हाई स्पीड का कंप्यूटर खरीदते जा रहे हैं तो आपको हमेशा उच्च क्षमता का प्रोसेसर खरीदना चाहिए | पेंटियम ड्यूल कोर प्रोसेसर या एएमडी प्रोसेसर का चुनाव करना होगा जो गेगाहार्टज की रेंज में हो | ये प्रोसेसर बेहतरीन माने जाते हैं | सभी नए सॉफ्टवेयर को यह प्रोसेसर पूरी तरह सपोर्ट करते हैं | प्रोसेसर को चुनते वक्त इन बातो का ध्यान |



होरीजन |

 आपके पास किस तरह की एप्लीकेशन हैं अथवा आपके कोई स्टैंडर्ड एप्लीकेशन खरीदी है और आप उसे आमतौर पर अपग्रेड नहीं करते तो निम्न या माध्यम श्रेणी के सेलेरौन या ड्यूरौन आपके लिए बेहतर होंगे | अगर आप 3 डी गेम्स, नई एप्लीकेशन रन करना चाहते है तो आपको अच्च क्षमता के प्रोसेसर खरीदने होंगे |

ट्रेड-ऑफ्स |

 अगर आपका बजट फिक्स है तो अपने सिस्टम की कीमत पर बहुत ज्यादा महंगा प्रोसेसर न खरीदें | मध्य रेंज का सेलेरौन खरीदना बेहतर होगा | आप मैमरी तेज हार्ड डिस्क या बड़े मॉनिटर पर अतिरिक्त पैसा खर्च कर सकते है |

                 मदरबोर्ड में दो तरह के सॉकेट या स्लॉट होते हैं | 2 इंच के सॉकेट को सॉकेट 7 कहते हैं जो कि हायर सीपीयू के पेंटियम 4 को समाहित कर सकता है | एक्सपैंशन स्लॉट की तरह सॉकेट में पेंटियम 3 सीपीयू फिट हो सकता है जोकि स्लॉट 1 कहलाता है |



सॉकेट 7 प्रोसेसर को इंस्टॉल करना |

 अगर आप हर चीज क्रमशः करते हैं तो कोई भी पेंटियम फोर और उससे बड़ा जैसे कि कोर 2 ड्यूज प्रोसेसर को इंस्टॉल करना एक स स्ट्रेट फारवर्ड ऑपरेशन होगा | अनुसार करते हैं | आपको याद रखना है कि प्रोसेसर स्टैटिक शॉक के प्रति संवेदनशील होते हैं | नए सी पी यू का बॉक्स खोलकर जो भी कंटेट है उन्हें मैनुअल के हिसाब से चैक करके देखे कि कहीं कोई पार्ट गायब तो नहीं | नए प्रोडक्ट के मैनुअल को भी ध्यान ऐ पढ़े |



सबसे पहले पुराना सीपीयू को हटाना |

              अगर आप सीपीयू रिप्लेस कर रहे हैं, नया सीपीयू इंस्टॉल करने से पहले पुराना सीपीयू हटा सकते हैं | ऐसा करने के लिए निम्न क्रम अपनाएं :

1.             पी सी और सभी जुड़े हुए डिवाइस का पावर स्विच ऑफ करें | सभी एक्सटर्नल केबल्स दिस्कनेक्त करें और पी सी को अपने वर्क एरिया में मूव करें और केस से कवर हटाएं |

2.             एक सी पी यू फैन से जुड़े प्रत्येक इंटरनल केबल की पोजीशन को नोट करें | अगर जरुरी हो तो कनेक्शन का स्केच या फोटोग्राफ लें, निष्चित होने के किए कि आप केबल की को वैसे ही जोड़ेंगे जैसे वे थे, तब पावर सप्लाई या मदरबोर्ड से सी पी यू फैन की केबल हटाएं |





3.             सी पी यू फैन एक क्लिप द्वराआ रुका होता है | इसलिए सिस्टम बोर्ड से सी पी यू फैन को हटाने के लिए क्लिप रिलीज करें |







4.             जिफ ( जेड आइ एफ )लिवर ऊपर उठाएं | यह सॉकेट के एक साईड में होती है | तब सी पी यू को सॉकेट से बाहर निकले | तय कर लें कि सी पी यू बिना जोर लगाए बाहर आना चाहिए |



5.             पुराने सी पी यू को एंटी-स्टैटिक सतह पर या किसी बॉक्स में रखें |



नए सी पी यू को इंस्टॉल करना |

         नए सी पी यू को इंस्टॉल करने के लिए निम्न कदम है |

1.   अगर आप एक पुराने सिस्टम में नया प्रोसेसर इंस्टॉल कर रहे हैं तो ये चैक कर लें कि सिस्टम के लिए एक अपडेटेड बायोस उपलब्ध है या नहीं | नए प्रोसेसर को इसकी पूरी क्षमता पर सभी फंक्शन करने के लिए एक अपडेट बायोस की जरूरत हो सकती है | नया सी पी यू पुराने सभी सिस्टम के अनुकूल होना चाहिए |

2.   पी सी या सी पी यू को एक अच्छी रोशनी वाली जगह पर ले जाएं |सभी टूल्स, सॉफ्टवेयर मैनुअल्स और अपग्रेड कम्पोनेट्स जिनकी आपको जरूरत हो, कनेक्ट करें | आगे बढ़ने से पहले प्रोसेसर डाक्यूमेंटेशन को बढ़े |

3.   एक नये मदरबोर्ड में प्रोसेसर स्वयं इंस्टॉल करने के लिए सी पी यू को इसकी पैकेजिंग से निकाले और इसे एंटी स्टैटिक सर्फेस पर रखे |



4.   रिटेशन टेब को दबा कर प्रोटेक्टिव कवर को खीच कर हटाएं | प्रोटेक्टिव कवर को एक साईड से अलग कर दें | जब सॉकेट में न तो तब प्रोटेक्टिव साईड कवर को हमेशा प्रोसेसर पर रखें |

5.   सॉकेट खोलने के लिए, लोड लीवर को दबा कर हुक सर बाहर करें और रिटेशन टैब को फ्री करें | लोड लीवर लगभग 135 डिग्री की पोजीशन पर घुमाकर खोलें |



6.   लोड प्लेट लगभग 100 डिग्री की पोजीशन पर घुमाकर खोलें |



7.   कनेक्शन इंडिकेटर और दो ओरिएंटेशन की के खांचों को देखें |



8.   अंगूठा और पहली उंगली से प्रोसेसर पकड़ें और उस पॅकेज को सावधानीपूर्वक सॉकेट बौडी में लगा दें |

9.   जन लें कि पैकेज सॉकेट बॉडी में है और ओरिएंटेशन की ससे पूरा मिल गया है |

10.                     लोड प्लेट को बंद करें | यह सॉकेट में प्रोसेसर कवर करेगा |

11.                     लोड प्लेट को हल्का-सा दबाते हुए लोड लीवर को सेट करे | लोड प्लेट और लोड लीवर को रोटेशन टैब के निचे सेट कर ले |

बाइट |

 बाइट्स का इस्तेमाल इनफार्मेशन के एमाउंट को नापने में किया जाता है | इस एक डिवाइस स्टोर कर सकता है |

         एक बाइट कैरेक्टर की तरह है एक नम्बर लेटर या सिम्बल हो सकता है | एक बाइट 8 बिट्स (बाइनरी डीजीस्ट) होते हैं | एक बिट सूचनाओं की छोटी इकाई है जिसे कंप्यूटर प्रोसेस कर सकता है |





किलोबाईट (केबी) |

एक किलोबाइट 1,024 करेक्टर का होती है जो एक किताब के टैक्स्ट के एक पेज के बराबर होती है |



मेगाबाइट (एमबी) |

 एक मेगाबाइट 1,048,576 करेक्टर्स का होता है जो लगभग एक किताब के बराबर है |



गीगाबाइट (जीबी) |

 एक गीगाबाइट 1,073,741,576 करेक्टरस का होता है जो बुक स्टैंड में किताब के एक बंच के बराबर है |



टेराबाइट (टी बी) |

 एक टेराबाइट 1,099,511,627,776 करेक्टर्स का होता है जो एक एन्टायर बुक स्टैण्ड के बराबर है |

रैम (रैंडम एक्सेस मैमरी) |

 रैम एक कंप्यूटर टर्म में मैमरी को इंगित करता है | रैम मैमरी चिप्स के साथ रहता है | यह प्रोसेसर (सीपीयू) के जरिए पढ़ा और लिखा जा सकता है |

          जब कंप्यूटर को स्टार्ट करने के लिए पावर स्विच ऑन होती है, ऑपरेटिंग सिस्टम  फ़ाइल् को एक स्टोरेज डिवाइस से लोड करता है जैसे कि रैम में एक हार्ड डिस्क ये फाइलें लम्बे समय तक कंप्यूटर चलने से रैम में रहती है | एडिशनल प्रोग्राम और डाटा स्टोरेज से रैम में लोड होते हैं |
    प्रोसेसर (सी पी यू) डाटा को तब इन्टरप्रेट करता है जब डाटा इन होता है | टाइम के दौरान रैम का कंटेंट बदल सकता है | रैम कई तरह के प्रोग्राम को होल्ड कर सकती है | कंप्यूटर में पर्याप्त रैम होनी चाहिए ताकि सारे प्रोग्राम लिए जा सकें | जिस प्रोग्राम पर आप काम कर रहे हैं वह कंप्यूटर स्कीम पर डिस्प्ले होता है | ज्यादातर रैम वोलेटाइल होते है  जब पावर कंप्यूटर से रिमूव होती है तब यह अपना कंटेट खो देती है | इसलिए आप कोई भी ऐसा आइटम सेव कर सकते हैं जिसकी आपको भविष्य में जरूरत हो | सेविंग वह प्रक्रिया है जो किसी आइटम को रैम से हार्ड डिस्क पर सेव करती है |



मैमरी मॉड्यूल |

 मैमरी मॉड्यूल एक ऐसा सर्किट बोर्ड है जो मैमरी चिप्स को रोकता है |



मैमरी चिप्स |

 रैम मैमरी चिप्स का एक टाइप है जो ज्यदातर कंप्यूटर सिस्टम में मुख्य मैमरी बनाता है |



मैंमरी मॉड्यूल सॉकेट |

 मैमरी मॉड्यूल सॉकेट मदरबोर्ड का एक सॉकेट है, जहां एक मैमरी मॉड्यूल में आप प्लग लगाते हैं |



मैमरी मॉड्यूल के प्रकार |

 यह एक छोटा सर्किट बोर्ड है जो मैमरी चिप को रोकता है | मैमरी मॉड्यूल एक सिस्टम बोर्ड पर सॉकेट से कनेक्ट होता ह |

           यह ग्रे कलर सर्किट बोर्ड पर एक मैमरी मॉड्यूल है और मैमरी चिप्स ब्लैक कलर मेमरी बहुत सरे म मॉड्यूल्स में उपलब्ध हैं |



डीप (ड्यूल इन-लाइन पिन पैकेज) |

 यह एक साधारण रेक्टेंगुलर चिप है जो दोनों लॉग साइड्स से लीड्स (पिंस) होती हैं |छोटे वायर डीप सबसे ज्यादा कॉमन ड्रम (डी आर ए एम) पैकेज है | इसका 386 मॉडल्स पी सी के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है |



सिप (सिंगल इन-लाइन पिन पैकेज) |

 चिप मॉड्यूल का एक टाइप एक सिम के समान होता है | यह एज कनेक्टर्स की बजाय पिन्स इस्तेमाल करता | सिप्स में कुछ 386  एसएक्स सिस्टम में इस्तेमाल किए जाते थे लेकिन उन्हें कभी पकड़ा नहीं जा सका |



सिम (सिंगल इन-लाइन मैमरी मॉड्यूल) |

एक नैरो प्रिंटिड सर्किट बोर्ड है जो मेमरी चिप्स को रोकता है | इसका प्लग मदरबोर्ड या मेमरी बोर्ड पर एक सिम सॉकेट में लगाया जाता है | पहला सिम फॉरमेट जो पर्सनल कंप्यूटर के नाम से पॉपुलर हुआ ३.5 इंच लम्बा था | इसमें 30 पिन कनेक्टर इस्तेमाल किए जाते थे | एक 4.25 इंच के बड़े फॉरमेट में 72 पिंस इस्तेमाल होती हैं और जिसमें रैम 1 से 64 मेगाबाइट की रहती है |



डिम (ड्यूल इन-लाइन मैमरी मॉड्यूल) |

आमतौर पर प्रयोग में आने वाली सिम चिप की तरह डिम एक प्रकार का मैमरी बोर्ड है | यह सर्किट बोर्ड के उपर रैम चिपों से बना होता है | डिम में सर्किट बोर्ड के दिनों तरफ कनेक्टर का प्रयोग होता है | स्टैंडर्ड डिम में 168 पिन होती हैं | ज्यादातर एसडीरैम और इडो (इडिओ) ही दिम्स पैकेज हैं |



एसओडिम (स्मॉल आउटलाइन मॉड्यूल) |


 नोट बुक कंप्यूटर में प्रयोग होने वाला एक विशेष पैकेज है |



कैश |

कैश के साथ आपके कंप्यूटर के प्रोसेसिग समय को सुधार जा सकता है | जितनी ज्यादा बड़ी कैश होगी, उतनी ही ज्यदा तेज वह कम करेगी क्योंकि जिस डाटा या निर्देश की जरूरत हिती है वह पहले से ही कैश मोजूद होता है | कैश दो प्रकार की होती है- मैमरी कैश और डिस्क कैश |

             मैमरी कैश को कैश स्टोर या रैम कैश भी कहा जाता है | यह कंप्यूटर की प्रक्रियाओं को तेज करने में उसकी मदद करती है, क्योकि यह बार-बार प्रयोग में आने वाले डाटा और निर्देश को स्टोर कर सकती है | यह संभव है की प्रोसेसर इन आइटम को बार-बार मांगे इसलिए यह आइटम संग्रह करके शीघ्रता से उपलब्ध करती है जब प्रोसेसर को डाटा या निर्देश की आवश्यकता होती है, वह पहले कैश से खोजता है अगर वह कैश में आइटम नहीं देख सकता तब रैम में खोजता है



आधिकतर आधुनिक कंप्यूटरों में दो या तीन प्रकार की कैश मैमरी की परत होती है |

 लेवल एक, लेवल दो और लेवल तीन

लेवल एक |

 कैश को प्राइमरी कैश या इंटरनल कैश भी कहते है, जो सीधे प्रोसेसर चिप में लगी होती है एल1 कैश की क्षमता प्राय; बहुत कम अर्थात 8 केबी से 64 केबी तक होती है इसका आकर आमतौर पर 16 केबी का होता हैं

लेवल दो (एल2) | 

कैश या एक्सटर्नल कैश से थोड़ी धीमी होती है | इसकी क्षमता बहुत अधिक अर्थात 64 केबी से 4 एमबी तक होती है | पुराने कंप्यूटरों में एल2 कैश प्रोसेसर एक चिपका भाग होता था | इनकी जगह मदरबोर्ड पर तेज गति वाली एसरैम चिप होती थी या कंप्यूटर में अलग से चिपों के कार्ड लगाए जाते थे | आजकल प्रोसेसरो में एल2 कैश के प्रकार एडवान्स ट्रांसफर कैश प्रयोग में लाने वाले प्रोसेसरों के कार्य करने की दर, जो उन्हें इस्तेमाल नहीं करते हैं से तेज होती है | एडवान्स ट्रांसफर केस का आकर सामान्यत: 256 केबी है |

मैमरी के प्रकार |

जैसा कि हम जानते है कि मैमरी कंप्यूटर में एक जरुरी चीज है इसलिए रैम इंडस्ट्री में एक्सप्लोसिव ग्रोथ हर समय मैमरी टाइप्स को न्युअर, बैटर और फास्टर प्रकट करती है | मैमरी के बहुत से टाइप चुन सकते हैं | यह निर्माण लेना मुश्किल है कि आपके कंप्यूटर के लिए किस प्रकार की रैम अच्छी है |



डरेम |

 डायनैमिक रैम कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाली सबसे ज्यादा चर्चित और महँगी डायनैमिक रैम है |



स्रेम |

 स्टैटिक रैम प्रभाव और तेज है, लेकिन यह बहुत कीमती है | मैमरी को डायनैमिक की तरह रिफ्रेश होने की जरूरत नहीं पड़ती | स्रेम छोटे एमाउन्ट्स में इस्तेमाल होता है जैसे कंप्यूटर में कैश मैमरी 1, कैस मैमरी डाटा जिसे कंप्यूटर इस्तेमाल करता है, को स्टोर कर कंप्यूटर के परफौर्मेस को इंप्रूव करता है |



एफ पी एम डरेम |

 फ़ास्ट पेज मोड डरेम, एक स्लो टाइप डरेम जिसका आज के कंप्यूटरों में इस्तेमाल नहीं होता |



इडो (ईडीओ) डरेम) |

 एक्सटेंडेड डाटा आउट डरेम पहले पेंटियम क्लास के कंप्यूटर के इस्तेमाल करने के लिए माइक्रो टैकनोलोजी द्वारा विकसित किया गया था | यह डायनैमिक रैम का एक टाइप है | यह सीपीयू को तब डाटा उपलब्ध कराता है | जब अगली मैमरी बढ़ी हुई स्पीड में इन्निशिसलाइजड होती है



 


आरडीरैम :

रैम्बस कारपोरेशन की तकनीक एक डायनैमिक रैम चिप है जो (कन्वेशनल drem की तुलना में 10 गुना तेजी से ) 600 एम बाइट्स प्रति सेकण्ड डाटा ट्रांसफर करता है | उसे मौडीफाई मदरबोर्ड की जरूरत होती है | लेकिन मैमरी कैश के लिए इलिमिनेट्स की जरूरत होती है |



मैमरी का एक्सेस टाइप :

स्पीड में इनफार्मेशन स्टोर होती है और मैमरी में एक्सेसड को एक्सेस टाइम कहा जाता है | इसे नैनोसेकंड में मापा गया है | एक्सेस टाइम जितना कम होगा मैमरी उतनी ही तेज होगी |
                                                                         ज्यदातर सिस्टम बोर्ड 10 एनएस या इससे तेज एक एक्सेस टाइम के साथ मैमरी सपोर्ट के लिए सिम का प्रयोग कर सकते हैं | नये सिस्टम बोर्ड्स 400 एनएस की मैमरी सपोर्ट के लिए आरडी रैम इस्तेमाल कर रहे हैं |




वर्चुअल मैमरी :

अगर आप ज्यादा प्रोग्राम खोलना चाहते है और मैमरी को लिमिट में रखना चाहते है तो इस समय आपका कंप्यूटर अधिक मैमरी सिमुलेट के लिए हार्ड ड्राइव का एक पार्ट इस्तेमाल कर सकता है |



रैम की जरूरत : 

कंप्यूटर को कितनी रैम की जरूरत है यह इस पर निर्भर करता है की आप किस तरह की एप्लीकेशन रन कर रहे हैं | एक कंप्यूटर केवल डाटा मैनिपुलेट्स कर सकते है जो इसकी मैमरी मर रहते है | आपकी डेस्क के ऊपर रैम वर्क स्पेस के लिए सिमिलर होती है | जैसे एक डेस्कटॉप को पेपर, पेंस, स्टेपलर, टेलीफोन और ऐसी ही चीजो को रखने के लिए जगह की जरूरत होती है, एक कंप्यूटर को एप्लीकेशन प्रोग्राम्स और फाइल्स स्टोर करने के लिए मैमरी के अमाउंट की जरूरत होती है | जितनी ज्यादा रैम एक कंप्यूटर में होती है उतने ज्यादा प्रोग्राम और फाइलें एक बार में कर सकती हैं |
                           एक सॉफ्टवेयर पैकेज रैम के न्यूनतम एमाउंट के अनुसार संकेतों का इस्तेमाल करता है | अगर आप परफॉर्म के लिए एप्लीकेशन चाहते हैं तो आपको सॉफ्टवेयर पैकेज पर मिनिय्म स्पैसिफिकैशन की ज्यादा आवश्यकत होगी |



मैमरी इनस्टॉल करना :

एक सिम या डिम मॉड्यूल को इनस्टॉल करना एक सरल कार्य है | किसी में लगे न होने पर भी नये मदरबोर्डस स्वत: मैमरी मॉड्यूल को डिटेक्ट कर इंस्टॉल कर लेते हैं लेकिन इसे उच्चतम, निम्नतम संख्या तक बैंक से भरना भी एक अच्छा अभ्यास है | उदाहरन के लिए अगर मदरबोर्ड में तीन बैंक हैं तो सबसे पहले को भरिए, उसके बाद  1 को उसके पर जाना चाहिए |



रैम इंस्टॉल करना :

 रैम इंस्टॉल करने से पहले कंप्यूटर बंद करे, पावर केबल अनप्लग करें और कंप्यूटर केश से कवर हटाएं |

1. मदरबोर्ड में रैम इंस्टॉल करते समय अपने आप को ग्राउंड कर ले (एंटी स्टेटिक स्टेप पहन कर ) रैम को उसकी पैकिंग से बाहर निकालें और एंटी स्टेटिक सर्फेस पर इसे रखे |

2. कंप्यूटर के अंदर केबल्स को हटाये या थोड़ा साइड पर करें ताकि मेमोरी के सॉकेट को आसानी से देखा जा सके और उस पर काम कर सकें |

3. जहाँ तक संभव हो सॉकेट की प्रत्येक साइड पर इजेक्टर आर्म्स को दबाएँ |

  . मैमरी मॉड्यूल इंस्टॉल करते वक्त, इसके खांचो का मिलान करें, उसे सॉकेट के बीच ठीक से खाचे में फिट करें |

5. सॉकेट में मैमरी मॉड्यूल लगाने के लिए उस पर ऊपर से दबाव डालें | एक बार मैमरी मॉड्यूल सॉकेट में बैठ जाएगा तो उसमे क्लिक की आवाज आएकी |

6. जब मॉडल ठीक से सॉकेट में बैठ जाएं तो उसे बंद करने वाली क्लिप्स उसके अंदर घुस जती हैं |

7. कंप्यूटर के अन्दर की सभी केबल्स फिर से जोड़ दे | तब कंप्यूटर केश पर कवर रिप्लेस करें |



हार्ड डिस्क ड्राइव :

हार्ड डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस है | इसमें कंप्यूटर डाटा स्टोर करता है | हार्ड डिस्क को हार्ड ड्राइव या फिक्स्ड हार्ड ड्राइव भी कहा जाता है | कुछ हार्ड ड्राइव्स कंप्यूटर के बाहर होती है | इनका प्लग कंप्यूटर के पीछे लगा होता है | इन्हें एक्स्टर्नल हार्ड ड्राइव्स कहते है | हार्ड ड्राइव मैगनेटिकली रोंटिंग के एक स्टेप पर डाटा स्टोर करता है | इसे प्लेटरस कहते है |
                              हार्ड डिस्क टाइप सेव कर सकती है क्योंकि हार्ड डिस्क पर एक्सेसिंग फ़ाइल डिस्केट्स की अपेक्षा 20 गुना तेज होती है | उपयोगकर्ता के लिए हौंडालिंग डिस्केट्स की अपेक्षा हार्ड डिस्कस कंटेंट निकालना ज्यादा आसान होता है | प्राय: डिस्केट्स  को नापसंद करने वाली ज्यादातर हार्ड डिस्क यूनिट एक कंप्यूटर से दूसरे तक ट्रांसपोट नहीं की जा सकती | उस रीजन के लिए ज्यादातर हार्ड डिस्क सिस्टम में कम से कम एक डिस्क ड्राइव होती है | यह सॉफ्टवेयर की सहायता से डाटा को इधर – उधर जाने में मदद करती है | पर्सनल कंप्यूटर की हार्ड डिस्क 40 या १८० जीबी या इससे अधिक डाटा इंस्टॉल कर सकती है |




हार्ड डिस्क कैसे काम करती है ?

अधिकतर हार्ड डिस्क एक दूसरे के ऊपर लगाई जाती हैं | हर प्लेट में दो रीड और राइट हेड्स होते है | हार्ड डिस्क में दोनों तरफ एक – एक भुजा होती है जो रीड – राइड हैड्स को प्लेटर पर उपयुक्त जगह ले जाती हैं |
            रीड राइड हौड्स की लोकेशन को आमतौर पर उसके सिलेंडर द्वारा बताया जाता है | सिलेंडर दरअसल सारे प्लेटरस का एक ट्रैक होता है | जब कंप्यूटर चलते है तो हार्ड डिस्क में मौजूद प्लेटरस काफी तेज गति से घूमता हैं | आम तौर पर प्लेटरस 5400 से 7200 रिवौल्युशन प्रति मिनट तब तक घूमते रहते है जब तक की कंप्यूटर की पावर हटा नहीं दी जाती | इस घुमाव के चलते रीड  राइड हैड और प्लेटर के बीच हवा का एक दबाब बन जाता है | इस दबाब के चलते रीड – राइड हैड प्लेटर की सतह को सीधे नहीं छूता | रीड राइड हैड और प्लेटर के बीच की दूरी इंच का 2 लाखवां हिस्सा होगा |



हार्ड डिस्क इंटरफेस :

हार्ड डिस्क इंटरफेस फिजीकल और लॉजिकल साधनों को परिभाषित करता है | इसके द्वारा हार्ड डिस्क को पीसी से जोड़ा जाता है | हार्ड डिस्क इंटरफेस को हार्ड डिस्क कंट्रोलर भी कहा जाता है | हार्ड डिस्क कंट्रोलर पर्सनल कंप्यूटर पर हार्ड डिस्क के लिए इंटरफेस है | यह या तो डिस्क ड्राइव का एक भाग हो सकता है या सिस्टम यूनिट में अलग से इंटीरियर कार्ड भी हो सकता है | कई बार एक एक्सटार्नल हार्ड डिस्क द्वारा यूएसबी पोर्ट का प्रयोग उसके इंटरफेस जैसे किया जाता है | उपलब्ध इंटरफेस के प्रकार को समझ जाना आवश्यक है | पर्सनल कंप्यूटर के लिए यू एस बी पोर्ट के अतिरिक्त दो प्रकार के हार्ड डिस्क कंट्रोल EIDEऔर SCSI होते हैं 


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ऐनहेंसड इंटीग्रेटीड ड्राइव इलैक्ट्रोनिक्स :

 यह हार्ड डिस्क के लिए अत्यधिक व्यापक रूप से प्रयोग में आने वाला कंट्रोल है | इआईडीई कंट्रोलर 137 जीबी की चार हार्ड डिस्क को संभाल सकता है | इससे 66 एमबी प्रति सेकण्ड के दर तक निर्देश और जानकारी डिस्क में भेजी और ली जा सकती है |


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